Essay in Hindi on school study is better than coaching

 Essay in Hindi on school study is better than coaching

शिक्षा का महत्व हरेक व्यक्ति के जीवन में हे। शिक्षा जीवन का आधार स्तंभ है। बिना शिक्षा के मानव का जीवन पशु समान है। शिक्षा ही राष्ट्र विकास की आधारशिला है। शिक्षा मनुष्य के जीवन का पथ प्रदर्शन करता है। प्राचीन समय मे शिक्षा प्राप्त करने के लिए वन या आश्रम में जाते थे। कठिन तपस्या तथा घर से दुर रह कर शिक्षा प्राप्त करते थे। प्राचीन समय मे हरेक व्यक्ति शिक्षा का अधिकारी नहीं था। कुछ लोग ही शिक्षा ले सकते हैं थे। लेकिन समय के चलते शिक्षा के ढाचे और पध्दति में बहुत कुछ बदलाव आया। समय के साथ सभी को मुफ्त में शिक्षा देने का अच्छा समय आ गया। 

आधुनिक समय में शिक्षा बिलकुल मुफ्त में है लेकिन उसके साथ शिक्षा के आधुनिक युग का आरंभ हुआ।शिक्षा देना सरकार की जिम्मेदारी है और सरकार वह जिम्मेदारी भलीभाँति निभा रही है लेकिन अब शिक्षा ने व्यापार का रुप लिया है इसलिए शिक्षा पैसो के दम पर बिकने भी लगी है। मुफ्त के साथ अब पैसो से भी शिक्षा देने का प्रारंभ हुआ है। 

आज के समय में स्कुल के विद्यार्थियों को कोचिंग (coaching) भी जाना पड़ता है।कोचिंग क्लास में बेहतर शिक्षा के नाम पर पैसो का कारोबार होता है। कोचिंग क्लास में शिक्षा के नाम पर तगड़ी फिस वसुली जाती है। वहा पर बालक के सर्वांगीण विकास पर ध्यान नही दिया जाता केवल तोता की तरह रटारटा के सिखाया जाता है। समज के बिना शिक्षा दी जाती है जो एक अच्छा नागरिक के बजाय एक औरों की भाषा बोलनेवाले तोता मिलता है। 

स्कूल में बालक के सर्वांगीण विकास पर ध्यान दिया जाता है जबकि कोचिंग क्लासेस मे केवल पाठय़क्रम पर ध्यान दिया जाता है। स्कूल में शिक्षा के अलावा स्पोर्ट्स, योगा, सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रार्थना आदि पर ध्यान दिया जाता है। लेकिन कोचिंग क्लासिस मै एसा कुछ भी नहीं होता। 

आप समज के साथ की शिक्षा चाहते हो तो बालक को स्कूल भेजे। आप केवल तोते के जैसी रटीरटाइ  शिक्षा चाहते हो तो कोचिंग क्लास भेजे। 

आप का फैसला आपके बालक का भविष्य तय करेगा। फैसला आप के हाथ मे। 

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